लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने दलित नेता और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण को रिहा करने का फैसला लिया है. रावण की रिहाई का प्रशासनिक आदेश आज शाम लखनऊ से जारी हो गया. गृह सचिव की ओर से जारी प्रेस नोट में सहारनपुर के जिलाध्धिकारी को आदेश दिया गया है कि वे तत्काल रावण को रिहा करें जो रासुका में निरुद्ध हैं.
रावण की निरुद्धि की अवधि 1 नवंबर 2018 तक थी. सरकारी प्रेस नोट के मुताबिक ‘’चंद्रशेखर उर्फ रावण पुत्र गोवर्धन की रिहाई के संबंध में इनकी माता का प्रत्यावेदन एवं वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचारोपरान्त’’ उनकी ‘’समयपूर्व रिहाई का निर्णय लिया गया है.‘’
Uttar Pradesh Govt orders early release from jail of Bhim Army Chief Chandrashekhar alias Ravan, who is jailed under NSA charges in connection with 2017 Saharanpur caste violence case. He would be released on November 1 pic.twitter.com/GOsnHTIsTO
— ANI UP (@ANINewsUP) September 13, 2018
बता दें कि रावण पर योगी सरकार ने 2017 में सहारनपुर में हुए जातीय हिंसा में रासुका लगाया था. इसके बाद चंद्रशेखर रावण जेल में बंद हैं. चंद्रशेखर रावण को रिहा करने की मांग को लेकर उनकी मां राज्य सरकार से कई बार गुहार लगा चुकी है. इसके बाद राज्य सरकार ने ये फैसला लिय़ा है. चंद्रशेखर रावण को पहले 1 नवबंर तक जेल में रहना था, लेकिन उन्हें अब पहले रिहा किया जाएगा.
चंद्रेशखर रावण पिछले 16 महीने से जेल में बंद हैं. सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने कहा कि चंद्रशेखर रावण को रिहा करने का आदेश सहारनपुर के जिलाधिकारी को भेज दिया गया है. रावण की रिहाई को योगी सरकार द्वारा दलित वोटों को साधने की कवायद के रुप में देखा जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस मामले में सोनू, सुधीर और विलास को पहले ही रिहा किया चुका है. अब सरकार ने रावण के अलावा दो अन्य आरोपियों सोनू और शिवकुमार को भी रिहा करने का फैसला किया है.